उपभोक्ता सहकारी संघ एक दृष्टि में

उ० प्र० उपभोक्ता सहकारी संघ का गठन शीर्ष सहकारी संस्था क रूप में उ० प्र० सहकारी समिति अधिनियम 1965 के अन्तर्गत 1965 में किया गया | वर्तमान में उ० प्र० उपभोक्ता सहकारी संघ लि० उपभोक्ता व्यवसाय की शीर्ष सहमति संस्था के रूप में कार्यरत है, एवं इसका निबन्धन सं० 4064 दिनांक 20-02-2019 है | इसका मुख्यालय उपभोक्ता भवन वालाकदर रोड, लखनऊ पर स्थित है, एवं इसका कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण उ० प्र० है |

उपभोक्ता संघ की स्थापना उत्तर प्रदेश में ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र निवासियों को न्याय पंचायत स्तर पर कार्यरत प्रारम्भिक कॄषि ॠण सहकारी समितियों एवं नगरीय क्षेत्र में कार्यरत केन्द्रीय उपभोक्ता सहकारी भंडार एवं जिला सहकारी संघ व सहकारी क्रय-विक्रय समितियों (लीड समितियों) के माध्यम से, उनके दैनिक उपयोग की उपभोक्ता सामग्री उच्च गुणवत्तायुक्त एवं न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध करना है,जैसे साबुन, तेल, मंजन, नियंत्रित/अनियंत्रित वस्त्र, फुटविअर, टायर ट्यूब, खाद्यान्न, नमक, मसाले एवं अभ्यास पुस्तिका आदि की आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु की गयी। संघ द्वारा राज्य सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत गेंहू , धान क्रय MIS(बाजार हस्तक्षेप योजना) स्कीम के अन्तर्गत आलू क्रय आदि का कार्य भी किया जाता है |

संघ के प्रमुख कार्य निम्न्वत हैं:-

  • सदस्य सहकारी समितियों ,थोक केंद्रीय उपभोक्ता सहकारी भण्डारो को उनके अनुरोध पर व्यावसायिक मार्गदर्शन एवं परामर्श देना।
  • राज्य के बाहर तथा अन्दर से उपभोक्ता वस्तुओं को क्रय करना।
  • सामग्री को गोदामों में रखना तथा एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने का प्रबन्ध करना।
  • सरकार, किसी जन-संस्था, निजी संस्था या सहकारी संस्था के अभिकर्ता के रूप में नियन्त्रित या अन्य उपभोक्ता वस्तुओं का वितरण करना, संग्रह करना तथा उसकी हैंडलिंग एवं परिवहन करना।
  • आवश्यक तथा लघु मात्रा में प्राप्त होने वाली उपभोक्ता सामग्रियों की पूर्ति एवं बढ़ते हुए दामों को नियन्त्रित करने में सहयोग देना।
  • उपभोक्ता वस्तुओं के थोक व्यवसाय की एजेन्सी प्राप्त करना।
  • ग्रामीण क्षेत्र में सांसद निधि, विधायक निधि तथा ग्राम्य विकास विभाग इत्यादि से प्राप्त धन से गाँव में सड़क, नाली, खडन्जा, हैन्डपम्प एवं अन्य विकास के कार्य कराना जैसा कि समय-समय पर स्थानीय प्रशासन/राज्य सरकार द्वारा निर्देशित हों।
  • गॄह निर्माण सामग्री आदि उपलब्ध कराने की व्यवस्था कराना एवं सदस्यों को आवश्कतानुसार निवास गॄह बनाना, या बनवाना और इस प्रयोजन के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना तथा प्राविधिक सलाह देना व दिलाना।
  • किसानों/उपभोक्ताओं को यथा सम्भव एक ही केन्द्र से उपभोक्ता वस्तुओं के साथ-साथ उर्वरक, बीज, कॄषि यन्त्र, कीटनाशक दवायें, डीजल, मिट्टी का तेल, कुकिंग गैस (एल०पी०जी०/पैट्रोल पम्प) की एजेन्सी प्राप्त करना।
  • जीवन रक्षक एवं अन्य औषधियों का व्यवसाय करना।
  • उर्वरक के ट्रांसपोर्टेशन का कार्य, रैक हैन्डलिंग का कार्य एवं हैन्डलिंग का कार्य करना।
  • मवेशियों के लिये पशु आहार, चारा, खली, बिनौले, भूसा आदि की व्यवस्था/व्यवसाय करना।
  • राज्य सरकार के नोडल एजेंसी के रूप मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत कृषको से गेहू एवं धान क्रय का कार्य।
  • राज्य सरकार के नोडल एजेंसी के रूप में MIS (बाजार हस्तक्षेप योजना) के अंतर्गत आलू क्रय का कार्य।
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